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जनरल बाजवा चलाते थे मेरी सरकार:इमरान खान बोले- आसमानी ताकतों ने दखल नहीं दिया तो इलेक्शन हम ही जीतेंगे, नवाज तो कठपुतली

अगस्त 2023 से जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को शुक्रवार को जेल में ही बनी अदालत में पेश किया गया। यहां कुछ जर्नलिस्ट्स को भी आने की मंजूरी दी गई थी। इनसे बातचीत में खान ने दावा किया कि जब वो प्रधानमंत्री थे, तब उस वक्त के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा सरकार चलाते थे।

इस साल 8 फरवरी को होने वाले इलेक्शन पर इमरान ने कहा- अगर किसी आसमानी या अनजान ताकत ने दखलंदाजी नहीं दी तो मेरी पार्टी PTI (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) ही इलेक्शन जीतेगी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इशारों में फौज की कठपुतली बताया।

 

इमरान के दौर में वर्तमान आर्मी चीफ आसिम मुनीर ISI चीफ थे। खान ने उन्हें हटा दिया था। इसके बाद उनके मुनीर से रिश्ते खराब हो गए। (फाइल)

अब बातचीत से परहेज नहीं

  • इमरान जब प्रधानमंत्री थे तो विपक्ष के हर बड़े नेता को जेल भेज दिया गया था। अब खुद इमरान जेल में हैं। एक बात और उस वक्त इमरान ने सैकड़ों बार विपक्षी नेताओं जैसे नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी या शाहबाज शरीफ को चोर और डाकू बताया था। खान अकसर कहा करते थे- मैं दुश्मन से तो बात कर सकता हूं, लेकिन चोर और डाकूओं से नहीं।
  • बहरहाल, पत्रकारों ने इमरान से अब विपक्ष से बातचीत के बारे सवाल किया तो उनके सुर बिल्कुल बदले नजर आए। कहा- मैं तो सबसे बातचीत के लिए तैयार हूं। मैं चाहता हूं कि देश में मजबूत सरकार बने, क्योंकि कमजोर गवर्नमेंट कभी सख्त फैसले नहीं ले सकती। आज देखिए क्या हो रहा है। 16 महीने शाहबाज शरीफ ने सरकार चलाई, वो मुल्क के लिए क्या कर पाए? इसलिए मैं कहता हूं कि कमजोर सरकार से बेहतर है कि हम विपक्ष में बैठें।
  • चुनाव के बारे में पूछे गए सवाल पर खान ने कहा- अगले चुनाव में हम ही जीत हासिल करेंगे और आप देखेंगे कि 90% फौज हमारी पार्टी के फेवर में ही वोट करेगी। हम सिर्फ एक स्थिति में चुनाव हार सकते हैं, जब कोई आसमान ताकत इलेक्शन में दखल दे और किसी एक पार्टी के फेवर में वोटिंग कराए। मैं जानता हूं कि किसके इशारे पर मुझे जेल में रखा जा रहा है।

 

इमरान खान के दाई तरफ जनरल बाजवा और बाईं तरफ तब के ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद हैं। खान बाजवा की जगह हमीद को चीफ बनाना चाहते थे। (फाइल)

फिर बाजवा पर निशाना

  • एक सवाल के जवाब में खान ने कहा- लोग आरोप लगाते हैं कि 2018 में हमारी सरकार फौज ने धांधली करके बनवाई थी। ये सबसे गलत आरोप है। सच्चाई ये है कि धांधली की वजह से हम वो सीटें भी हार गए थे, जो हमें जीतनी चाहिए थीं और जहां जीत-हार का अंतर बेहद कम था।
  • पूर्व आर्मी चीफ जनरल बाजवा के बारे में पूछे गए सवाल पर खान का लहजा काफी तल्ख हो गया। उन्होंने कहा- हमारे पास फुल मेजॉरिटी नहीं थी। आप इसे कमजोर सरकार भी कह सकते हैं। इसका फायदा जनरल बाजवा ने उठाया और वो सरकार चलाने लगे। मैं ये मानता हूं कि 2018 में हमारी और जनरल बाजवा की ट्यूनिंग काफी अच्छी थी, लेकिन इसके बाद वो हमें कंट्रोल करने की कोशिश करने लगे।
  • खान ने माना कि 2018 में सरकार बनाना और प्रधानमंत्री बनना गलत फैसला था। खान ने कहा- अच्छा होता अगर हम सरकार बनाने के बजाए अपोजिशन बेंच पर बैठते। अब उन बातों का वक्त बीत गया। इस इलेक्शन में हम एकतरफा जीत हासिल करेंगे।

 

जनरल कमर जावेद बाजवा पाकिस्तान के बाकी रिटायर्ड आर्मी चीफ्स की तरह ही देश छोड़कर दुबई में रह रहे हैं। उनके बच्चे अमेरिका में सैटल हो चुके हैं। (फाइल)

फौज को खुश करने की कोशिश

  • इमरान पर सबसे संगीन मामला 9 मई 2023 की हिंसा का है। आरोप है कि उनके इशारे पर समर्थकों ने फौज के अहम ठिकानों और यहां तक कि आर्मी हेडक्वॉर्टर पर भी हमले किए थे। फौज इसकी वजह से बेहद नाराज है। इमरान के हजारों नेता-कार्यकर्ता जेल में हैं और इनमें से कुछ पर तो मिलिट्री कोर्ट्स में केस चलाए जा रहे हैं। खुद इमरान पर मुल्क से गद्दारी का आरोप है और इस मामले में वो नामजद आरोपी हैं।
  • बाजी पलटते देख, खान ने इस मामले में भी रुख बदल लिया है। एक सवाल के जवाब में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा- पाकिस्तान फौज हमारी भी फौज है। 90 फीसदी फौजी मेरी पार्टी को वोट करते हैं।
  • ईरान और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव पर खान ने कहा- मैं जब प्राइम मिनिस्टर था तो ईरान गया था। उस वक्त भी दोनों मुल्कों में तनाव था, लेकिन मैंने बातचीत के जरिए इसे खत्म करा दिया था।

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